बॉलीवुड और साउथ सिनेमा की चमकती हुई अदाकारा सौन्दर्या, जिनकी मुस्कान लाखों दिलों को छू जाती थी, आज भी एक दर्दभरी याद बनकर हमारे बीच मौजूद हैं। 17 अप्रैल 2004, वो काली तारीख जब उनकी जिंदगी एक विमान दुर्घटना में खत्म हो गई। लेकिन किसे पता था कि 22 साल बाद यह मामला फिर से गूंज उठेगा, और तेलुगु सिनेमा के दिग्गज अभिनेता मोहन बाबू का नाम इस दुखद अध्याय में सामने आएगा?
एक हादसा जो आज भी दिलों में जिंदा है
सौन्दर्या की मौत सिर्फ एक दुर्घटना नहीं थी, बल्कि उनके चाहने वालों के लिए एक गहरी चोट थी। वो न सिर्फ एक शानदार अदाकारा थीं, बल्कि एक बेहतरीन इंसान भी थीं, जो अपनी दरियादिली और समाज सेवा के लिए जानी जाती थीं। उनके निधन ने पूरे देश को हिला दिया था, लेकिन समय के साथ जख्म भरने लगे।
पर क्या सच में ये जख्म भर गए थे? शायद नहीं! क्योंकि 22 साल बाद एक शिकायत में मोहन बाबू का नाम आने से मामला फिर से गरम हो गया है।
क्यों उठा फिर से यह मामला?
इतने सालों बाद किसी का नाम सामने आना अपने आप में चौंकाने वाला है। शिकायत में मोहन बाबू को इस हादसे से जोड़ा गया है, लेकिन क्यों? क्या कोई छुपा हुआ सच सामने आ रहा है? या फिर यह सिर्फ एक कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा है?
यह सवाल सिर्फ सौन्दर्या के परिवार का नहीं, बल्कि उन तमाम फैंस का भी है जो अब भी उनकी तस्वीरों को देखकर भावुक हो जाते हैं।
साउंडर्या: एक अधूरी कहानी
उनकी आंखों में हमेशा एक सपना झलकता था—सिर्फ फिल्मों का नहीं, बल्कि लोगों की मदद करने का। उनकी शादी होने वाली थी, उनका करियर बुलंदियों पर था, और फिर अचानक एक विमान क्रैश ने सब कुछ खत्म कर दिया।
आज भी जब उनकी फिल्मों के दृश्य टीवी पर आते हैं, तो उनके चाहने वालों की आंखें नम हो जाती हैं। एक लड़की जो सिर्फ 31 साल की थी, जिसे अभी बहुत कुछ करना था, उसका जाना किसी सदमे से कम नहीं था।
मोहन बाबू और सवालों का साया
तेलुगु सिनेमा के दिग्गज मोहन बाबू का नाम किसी भी विवाद में आना अपने आप में बड़ी बात है। सौन्दर्या से उनका रिश्ता क्या था? क्या इस केस में कोई नया मोड़ आने वाला है? यह अभी एक अनसुलझी पहेली है, लेकिन एक बात तो तय है—सौन्दर्या का नाम आज भी लोगों के दिलों में जिंदा है, और शायद हमेशा रहेगा।
इंसाफ या फिर सिर्फ कानूनी लड़ाई?
क्या 22 साल बाद यह मामला सौन्दर्या के परिवार को इंसाफ दिलाएगा, या फिर यह सिर्फ एक कानूनी उलझन बनकर रह जाएगा? सच्चाई जो भी हो, लेकिन इस केस ने एक बार फिर से उस दिन की दर्दनाक यादें ताजा कर दी हैं।
कुछ जख्म कभी नहीं भरते, और कुछ कहानियाँ कभी खत्म नहीं होतीं…